सौतेली बेटी, एक आकर्षक माँ, अंतरंग आत्म-आनंद में लिप्त होती है, उसका शरीर लय में बहता है। जैसे ही वह अपने सौतेले पिता के नाम की मुठ मारती है, कमरा कच्ची इच्छा से भर जाता है, उसका अधोवस्त्र कामुक तमाशा बढ़ा देता है। आत्म-प्रेम का एक मनोरम प्रदर्शन सामने आता है।.